कबीर की भाषा को 'पचमेल खिचड़ी' क्यों कहा जाता हैं?
The answer is :
कबीर के द्वारा रचित साखियों में अवधि, राजस्थानी, भोजपुरी और पंजाबी भाषाओं के शब्दों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई पढ़ता हैं।इसीलिए उनकी भाषा को 'पचमेल खिचड़ी' कहा जाता है।कबीर की भाषा को सधुक्कड़ी भी कहा जाता है।
Post a Comment
Post a Comment